किसी भी स्मार्टफोन के लिए चार्जर उतना ही जरुरी है जितना इंसान के लिए खाना।
इस लिए सभी स्मार्टफोन के साथ चार्जर जरूर दिया जाता है। Apple जैसे कुछ
कंपनियों को छोड़ कर। जब आप पहली बार चार्जर लेते है तो आपको मोबाइल
कंपनी असली चार्जर देती है। लेकिन क्या होता है जब किसी कारणवश आपका चार्जर
ख़राब हो जाता है। ऐसे में आपको नए चार्जर की जरुरत होती है। और आप इसके
लिए मार्किट का रुख करते है। लेकिन आपको कैसे पता चलेगा कि आप जो चार्जर
खरीद कर लाएंगे वो असली होगा या नकली।
कैसे करेंगे असली चार्जर की पहचान। आज की इस पोस्ट में हम जानेगे कि कैसे हम
असली और नकली चार्जर की पहचान कर पाएंगे।
नकली चार्जर का नुकसान ।
इससे पहले की हम असली चार्जर की पहचान करे। हमें नकली चार्जर के नुकसान
भी जान लेने चाहिए। अक्सर हम अपने फ़ोन को किसी भी चार्जर से चार्ज कर लेते है।
लेकिन हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। ये हमारे फ़ोन के लिए सही नहीं है। फ़ोन की बैटरी
को ख़राब कर सकता है साथ ही चार्जर स्लॉट को भी। नकली चार्जर से जब हम अपने
फ़ोन को चार्ज करते है तो आपने ध्यान दिया होगा कि फ़ोन बहुत जल्दी गर्म हो जाता है।
साथ ही चार्जर का adopter भी गर्म हो जाता है। आप जानते ही होंगे कि फ़ोन के heat
करने की वजह से कितनी बार फ़ोन ब्लास्ट होने की खबरे आए दिन आती रहती है।
इससे फ़ोन और व्यक्ति दोनों को नुकसान हो जाता है। इसलिए ये जानना बहुत ही जरुरी
हो जाता है कि जब भी हम अपने फ़ोन के लिए कोई नया चार्जर ले रहे है तो इस बात का
जरूर से ख्याल रहे कि चार्जर ओरिजिनल हो।
कैसे करे असली चार्जर की पहचान ?
पहला :- चार्जर की क्वालिटी
जब आप फ़ोन की चार्जर खरीदने जाओ तो सबसे पहले चार्जर की क्वालिटी पर ध्यान दे।
यदि चार्जर की बनावट सस्ती प्लास्टिक से बनी हो तो आप उसे बिलकुल भी ना ख़रीदे।
क्यूंकि वो असली चार्जर नहीं है। और दुकानदार आपसे असली चार्जर के पैसे ले लेगा।
दूसरा : - ऑन दी स्पॉट चेक
चार्जर खरीदने से पहले चार्जर को ऑन दी स्पॉट चेक कर ले अपने फ़ोन में insert करके।
क्या चार्जर आपके फ़ोन को सपोर्ट कर रहा है। यदि कर रहा है तो चार्जिंग की स्पीड देखिये।
3 -4 % चार्जर करके देखिये अपने फ़ोन को यदि स्पीड स्लो है तो बिलकुल भी उस चार्जर को ना ले।
तीसरा :- ब्रांड नाम
ब्रांड नाम भी एक जरुरी चीज़ होती है असली चार्जर की पहचान में। इसलिए जब आप
चार्जर खरीदने जाए तो अपने साथ अपने पुराने चार्जर को जरूर लेकर जाए। ब्रांड के नाम
को मैच करे। हो सकता है नाम एक सा हो , लेकिन फिर भी नाम का फॉण्ट चेंज हो सकता है।
या फिर मिलता जुलता नाम हो सकता है तो इस पर जरूर ध्यान दे।
चौथा : - चार्जर की डिज़ाइन
अपने साथ अपने पुराने चार्जर को जरूर लेकर जाए जब आप अपना नया चार्जर खरीदने
जा रहे है। ओरिजिनल चार्जर की पहचान के लिए आपके चार्जर की डिज़ाइन भी same
होनी चाहिए। क्यूंकि नकली चार्जर बनाने वाले मिलता जुलता डिज़ाइन का चार्जर बना तो लेते है।
लेकिन बिलकुल same design का नहीं बना पाते। तो इस तरह आप डिज़ाइन के द्वारा भी
पहचान सकते असली और नकली चार्जर को।
ये थे वो 4 तरीके जिनसे आप ओरिजिनल चार्जर खरीदने जाओ तो आप ओरिजिनल की
पहचान कर पाएंगे। और नकली चार्जर लेने से बच जायेगे। और आपके पैसे का सही उपयोग ही पायेगा।
उम्मीद है ये जानकारी आपके काम आई होगी।